मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या करेंगे उद्घाटन
पर्यटन मंत्री एचके पाटिल ने दी जानकारी
हुब्बल्ली. विधि, न्याय, मानवाधिकार, संसदीय कार्य, विधान एवं पर्यटन मंत्री एचके पाटिल ने कहा कि राज्य के अद्भुत पर्यटन स्थलों को दुनिया से परिचित कराने के उद्देश्य से पर्यटन विभाग और कर्नाटक पर्यटन सोसायटी की ओर से बुधवार 26 से 28 फरवरी तक बेंगलूरु में कर्नाटक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन एक्सपो का आयोजन किया गया है। मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या इस एक्सपो का उद्घाटन करेंगे।
शहर के सर्किट हाउस में मंगलवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाटिल ने कहा कि 27 और 28 फरवरी को दो दिन तक व्यावसायिक बैठकें आयोजित की जाएंगी। हमारे राज्य में अनगिनत पर्यटन स्थल और स्मारक हैं। यहां 25,000 से अधिक असुरक्षित स्मारक हैं, जिनमें से 800 से अधिक को संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है। हमारी सरकार भावी पीढ़ी को इनके महत्व तथा इनके संरक्षण के महत्व से अवगत कराने के महान कार्य पर काम कर रही है। इस अवसर पर हमारी कला, संस्कृति, विरासत, इतिहास, हस्तशिल्प, भोजन, नृत्य, जीवनशैली, आतिथ्य आदि को प्रदर्शित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य पर्यटन के व्यापक विकास को समर्थन देना है और इस संबंध में यह एक्सपो एक बहुत ही महत्वपूर्ण गतिविधि है। देश में केवल कुछ ही राज्य इस प्रकार के बी2बी सम्मेलन आयोजित करते हैं और हमारा राज्य उनमें से एक है। केन्द्र सरकार ने हमारी पहल का समर्थन किया है और केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय इस सम्मेलन में भाग ले रहा है। इसका उद्देश्य पर्यटन क्षेत्र के सभी हितधारकों को एक छत के नीचे लाना है ताकि क्षेत्र के रुझानों पर चर्चा की जा सके और समाधान ढूंढा जा सके। होटल व्यवसायी, ट्रैवल एजेंसियां, होमस्टे मालिक, कृषि पर्यटन प्रमोटर, टूर गाइड, महिला उद्यमी और इस क्षेत्र से जुड़े सभी लोग इस सम्मेलन में भाग लेंगे।
पाटिल ने कहा कि पारदर्शी प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से घरेलू और विदेशी खरीदारों का चयन किया गया है। 36 देशों के 300 से अधिक लोगों का साक्षात्कार लिया गया, जिनमें 110 से अधिक विदेशी खरीदार, एजेंट और 15 से अधिक विदेशी यात्रा मीडिया प्रतिनिधियों का चयन किया गया है। 858 से अधिक घरेलू खरीदारों का साक्षात्कार लिया गया और 235 से अधिक घरेलू खरीदारों तथा 20 से अधिक घरेलू ट्रैवल मीडिया प्रतिनिधियों का चयन किया गया है।
उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग एक्सपो के माध्यम से विक्रेताओं और खरीदारों के बीच एक सेतु के रूप में काम कर रहा है। तीन दिनों में लगभग 16,000 व्यावसायिक बैठकें आयोजित की जाएंगी। प्रत्येक प्रतिभागी के लिए हमारे साझेदारों के साथ दो दिनों में अनिवार्य रूप से 40 बैठकें आयोजित करने की व्यवस्था की गई है। इन तीन दिनों के दौरान, हमारे राज्य की समृद्ध कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम, हमारी भोजन शैली से परिचय, नेटवर्किंग बैठकें, तथा फ्री एवं पोस्ट एफएएम दौरे आयोजित किए जाएंगे। विदेशी एजेंटों के लिए कर्नाटक हेरिटेज डिस्कवरी, बेस्ट ऑफ कर्नाटक, तटीय कर्नाटक, वन्यजीव और पहाडिय़ां तथा रॉयल मैसूर हेरिटेज का 5 दिवसीय टूर कार्यक्रम आयोजित किया गया है। 30 लोगों की पांच टीमों में विभाजित इस दौरे में भाग लेने वाले सभी लोग हमारे राज्य की संस्कृति और कला से मंत्रमुग्ध हुए हैं।
पाटिल ने कहा कि हमारे राज्य के सभी भागों से 150 से अधिक प्रतिभागी (होटल, रिसॉर्ट, होमस्टे, ट्रैवल ऑपरेटर, कृषि पर्यटन प्रतिभागी) इसमें भाग लेंगे, तथा सभी के लिए अपने उत्पादों के प्रदर्शन के लिए स्टॉल की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा कावेरी हैंडीक्राफ्ट, केएसआईसी, कॉफी बोर्ड, केएसडीएल, केएमएफ स्टोर खोले जाएंगे, जहां हमारे राज्य के विभिन्न उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री की जाएगी। पुरातत्व, संग्रहालय, विरासत विभाग, गोल्डन चैरियट और पर्यटन विभाग के स्टोर खोले जाएंगे।
उन्होंने कहा कि योग गुरुओं की ओर से योग प्रदर्शन आयोजित किए गए हैं, शीशम की नक्काशी, संदूर कढ़ाई और बांस जैसी कला गतिविधियों को प्रदर्शित किया जाएगा। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य इस सम्मेलन के माध्यम से घरेलू और विदेशी पर्यटकों को नियमित रूप से राज्य में आकर्षित करना है तथा इस सम्मेलन में भाग लेने वाले ट्रैवल ऑपरेटरों को हमारे राज्य के प्रचार राजदूत के रूप में अपने-अपने देशों से पर्यटकों को नियमित रूप से हमारे राज्य में भेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है। इसके परिणामस्वरूप हमारे राज्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
पाटिल ने कहा कि आगामी वर्षों में अनुमानत: एक करोड़ घरेलू पर्यटकों और एक लाख विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने की उम्मीद है। इससे हमारे राज्य के लिए विदेशी मुद्रा बढ़ेगी और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों के माध्यम से राज्य को राजस्व प्राप्त होगा।
उन्होंने कहा कि अगामी 3-4 वर्षों में राज्य को 2,750 करोड़ रुपए का अनुमानित राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है। आय के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे। कुशल और अर्ध-कुशल युवाओं को अपने-अपने स्थानों पर ही नौकरी मिल जाएगी और वे बड़े शहरों की ओर पलायन से बचेंगे। विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ पर्यटन भी बढ़ेगा।
संवाददाता सम्मेलन में पूर्व मंत्री एएम हिंडसगेरी, नेता सदानंद डंगनवर और महेंद्र सिंघी मौजूद थे।