चार हजार लोगों में संदिग्ध कैंसर का चला पतारायपुर स्थित राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी ओपेक अस्पताल।

गुटखा और तंबाकू का सेवन करने वालों के लिए खतरा बढ़ा

रायचूर. उत्तर कर्नाटक में गुटखा और तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों में ही मुंह का कैंसर सामने आने लगा है। अकेले रायचूर जिले में इस वर्ष चार हजार लोगों में संदिग्ध कैंसर का पता चला है।

मुंह और गले में दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल आए युवकों की जांच करने पर कैंसर का पता चला है। शहर के ओपेक अस्पताल में अलग से कैमरा विभाग नहीं खोलने के कारण और अधिक मामले प्रकाश में आ रहे हैं।

रिक्तियां भरें

सर्जरी और कीमोथेरेपी सहित कैंसर के उपचार के विभिन्न तरीके शुरू किए गए हैं। यहां अभी भी विशेषज्ञ डॉक्टरों और तकनीशियनों की कमी है। यदि ये रिक्तियां भर दी जाएं तो कैंसर रोगियों को समय पर उपचार उपलब्ध कराना संभव हो सकेगा।

लत से मुक्त होने में असमर्थ

विशेषज्ञों का कहना है कि आज, कई युवा गुटखा और तंबाकू जैसे व्यसनों के आदी होकर अपना स्वास्थ्य बर्बाद कर रहे हैं। उपचार के लिए अस्पताल आने वालों में अधिकांश युवा लोग हैं। ग्रामीण क्षेत्र के मजदूर, कृषि मजदूर और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोग गुटखा और तंबाकू खाने की आदत अपना चुके हैं। वे अपनी लत से मुक्त होने में असमर्थ हैं। इसके कारण मुंह, त्वचा और जीभ में स्पर्श और स्वाद की संवेदना खत्म हो जाती है।

6,595 लोगों में कैंसर की पुष्टि

उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्षों में राज्य में जिन लोगों की जांच की गई, उनमें से एक लाख से अधिक लोगों में मौखिक कैंसर का संदेह पाया गया। 6,595 लोगों में कैंसर की पुष्टि हुई है।

अलग वार्ड शुरू किया है

रायचूर स्थित ओपेक अस्पताल के विशेष अधिकारी डॉ. रमेश सागर ने बताया कि गुटखा और तम्बाकू का सेवन करने वाले लोगों में मुंह और गले का कैंसर पाया गया है। यदि युवा तम्बाकू का सेवन नहीं छोड़ते हैं, तो उनका जीवन खतरे में पड़ जाएगा। रायचूर जिले में 60 प्रतिशत महिलाओं और 40 प्रतिशत पुरुषों में संदिग्ध कैंसर पाया गया है। ओपेक अस्पताल ने दो वर्षों में 7,000 रोगियों का इलाज किया है। कैंसर रोगियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि के कारण ओपेक चिकित्सालय में कैंसर रोगियों के लिए अलग वार्ड शुरू किया गया है।

विशेष अभियान शुरू

कैंसर रोगियों का इलाज रेडिएशन, कीमोथेरेपी सहित विभिन्न अन्य तरीकों से किया जा रहा है। अगर सरकार तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति कर दे तो मरीजों को उचित इलाज मिल सकेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कैंसर जैसी बीमारियों का प्रारंभिक अवस्था में पता लगाने के लिए 30 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी लोगों की जांच के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। जिले के प्रमुख अस्पतालों में जांच शुरू की गई है।
डॉ. सुरेन्द्र बाबु, जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारी, रायचूर

ओपेक अस्पताल में डेकेयर कीमोथेरेपी विभाग

राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी ओपेक अस्पताल में डेकेयर कीमोथेरेपी विभाग शुरू किया गया है। जनता को इसका लाभ उठाना चाहिए।
डॉ. रमेश बी.एच., निदेशक, रायचूर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज

रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग शुरू करने का इरादा

प्रदेश में पहली बार जिला स्तर पर ओपेक में कैंसर डे-केयर कीमोथेरेपी विभाग शुरू किया गया है। मेडिकल ऑन्कोलॉजी उपचार पहले ही शुरू हो चुका है। रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग भी शुरू करने का इरादा है।
डॉ. रमेश सागर, विशेष अधिकारी, ओपेक अस्पताल, रायचूर

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