हेस्कॉम की कार्रवाई से जलता में आक्रोश
सिरसी. जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, पेयजल व कृषि कार्यों के लिए पानी की जरूरत बढ़ती जा रही है। ऐसे में हेस्कॉम की ओर से बिजली लाइनों की मरम्मत के बहाने बिजली आपूर्ति में बार-बार बाधा डालने से जनता में आक्रोश फैला हुआ है।
जनता की शिकायत है कि सिरसी उपखंड के अंतर्गत 5 अनुभाग एवं 23 फीडर हैं। लगभग 2,760 किमी एल.टी. लाइनें और 8,800 किमी एच.टी. लाइनें हैं। इन लाइनों के रखरखाव के लिए बिजली कटौती के संबंध में हेस्कॉम की ओर से महीने में पांच से अधिक बार आधिकारिक घोषणा जारी की जाती है। इसके अलावा हेस्कॉम के अधिकारियों ने एलसी या लाइन ट्रिप होने का बहाना बनाकर रोजाना किसी न किसी स्थान पर बिजली काटने की बुरी आदत बना ली है।
घरों तक पानी पहुंचाना हो रहा मुश्किल
शहर के निवासी रमेश नायक ने बताया कि हेस्कॉम के कर्मचारी सदैव कहीं न कहीं काम करते रहते हैं। साफ नजर आ रहा है कि हाल ही में पूरी तरह मरम्मत की गई लाइन पर ही पुन: मरम्मत की जा रही है। अगर आज एक लाइन बनकर तैयार हो जाती है, तो कल वे वहीं पर क्या काम करते हैं। शहरी इलाकों में बिजली की कमी से व्यापारिक लेन-देन के साथ-साथ सरकारी दफ्तरों में सार्वजनिक काम-काज में भी गंभीर व्यवधान पैदा हो रहा है। इसके अलावा, शहर के कई घरों में नगर पालिका का जल कनेक्शन नहीं है। ऐसे घरों तक पानी पहुंचाना मुश्किल हो रहा है।
बिजली बंद करना अवैज्ञानिक उपाय
किसान सुरेश मडिवाल ने कहा कि यह समय ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और बागवानी को पानी उपलब्ध कराने का है। अपर्याप्त बिजली और विद्युत कटौती के कारण पानी पंप करना अत्यंत कठिन हो रहा है। एक ग्रामीण लाइन की मरम्मत करनी है, तो पूरे तालुक के ग्रामीण हिस्से की बिजली काटी जा रही है। यह सही नहीं है। हेस्कॉम के पास सिरसी तालुक की सभी लाइनों की एक साथ मरम्मत करने के लिए पर्याप्त कर्मचारी नहीं हैं। इसके बाद भी एक साथ पूरे तालुक की बिजली बंद करना अवैज्ञानिक उपाय है।
जंगलों को काटा जाता है
कई लोगों का आरोप है कि अधिकांश मार्ग ग्रामीण, वन्य क्षेत्रों में ही है, और पर्याप्त बिजली आपूर्ति करने के लिए जंगलों को काटा जाता है परन्तु बरसात से पहले और बाद में यह काम व्यवस्थित तरीके से नहीं किया जाता, यह भी बिजली आपूर्ति में व्यवधान का कारण है।
पर्याप्त बिजली उपलब्ध
मरम्मत कार्य होने पर ही बिजली कटौती की घोषणा जारी कर बिजली काट देते हैं। बाकी समय पर पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराई जा रही है।
–नागराज पाटिल, एईई, हेस्कॉम