पशुपालन के विकास में सहभागी बनेंबीदर के बाहरी इलाके में स्थित नंदीनगर में कर्नाटक पशुचिकित्सा, पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय के 14वें दीक्षांत समारोह में भाग लेते अथिति।

मंत्री के. वेंकटेश ने दी सलाह

बीदर. पशुपालन एवं रेशम उत्पादन मंत्री के. वेंकटेश ने कहा कि पशुपालन एवं मत्स्य पालन क्षेत्र राज्य के कृषि एवं ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। युवा स्नातकों को तकनीकी कौशल प्राप्त कर पशुपालन विकास में भाग लेना चाहिए। सरकार की जनहितैषी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए उनके जैसे युवा पेशेवरों की आवश्यकता है।

वे मंगलवार को बीदर के बाहरी इलाके में स्थित नंदीनगर में कर्नाटक पशुचिकित्सा, पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय के 14वें दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 2.9 करोड़ मवेशी हैं और मत्स्य पालन क्षेत्र लगभग 1.6 मिलियन लोगों को रोजगार प्रदान करता है। ये क्षेत्र हमारे राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और इन क्षेत्रों के विकास के लिए कुशल पेशेवरों की आवश्यकता है।

पुणे राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान आईसीएमआर के निदेशक डॉ. नवीन कुमार ने कहा कि पशु चिकित्सक सार्वजनिक और पशु चिकित्सा स्वास्थ्य दोनों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। देश ने दूध और मांस उत्पादन में अपनी क्षमता दिखाई है। इसके अलावा, उन्होंने अनुसंधान के माध्यम से कई बीमारियों का उन्मूलन किया है। उन्होंने ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया।

समारोह में कुल 96 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इसके अलावा कुल 634 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई। इनमें 419 स्नातक, 187 स्नातकोत्तर और 28 डॉक्टरेट स्नातक शामिल हैं।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.सी. वीरण्णा, रजिस्ट्रार पी.टी. रमेश, विश्वविद्यालय के निदेशक मंडल के सदस्य बसवराज भतमुर्गे तथा अन्य उपस्थित थे।

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