सरकारी स्कूलों को बचाने के प्रयासविधान परिषद के सभापति बसवराज होरट्टी।

होरट्टी ने खुले दिल से की शिक्षकों की प्रशंसा

हुब्बल्ली. सरकारी स्कूल बंद होने की कगार पर स्थिति, सरकारी स्कूलों को बचाने, बच्चों को सुविधाएं प्रदान करने और सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन को बढ़ाने के लिए अपने स्वयं के पैसे खर्च करके विभिन्न प्रयास करने वाले शिक्षकों के काम की विधान परिषद के सभापति बसवराज होरट्टी ने खुले दिल से प्रशंसा की है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि सरकारी स्कूलों के हर शिक्षक को भी ऐसा ही करना चाहिए।

होरट्टी ने संबंधित शिक्षकों को बधाई पत्र लिखकर उल्लेख किया है कि चिक्कमगलूरु के अल्दुर के पास मोचगोंडनहल्ली सरकारी स्कूल की शिक्षिकाओं हीना तबसुम और रजिया सुल्तान ने ढाई लाख रुपए की अपनी निजी धनराशि से बोरवेल खुदवाकर स्कूल के बच्चों के लिए पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई है। गदग जिला रोण तालुक के कोचलपुर गांव की सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक विजयकुमार डी.आर. और शिक्षिका एस.बी. कोट्रशेट्टी ने वर्ष 2025-2026 में अपने स्कूल में नामांकित बच्चों के लिए 1000-1000 रुपए की एफडी रखने का फैसला किया है।

उन्होंने प्रशंसा व्यक्त की है कि राज्य में कन्नड़ माध्यम में शिक्षा देने वाले 25,000 से अधिक पूर्व प्राथमिक और उच्च प्राथमिक सरकारी विद्याल बच्चों के नामांकन में कमी का सामना कर रहे हैं। सरकारी स्कूलों को बचाने के लिए कई प्रयास करने के बाद भी परिणाम नहीं मिल रहे हैं। यह खेदजनक है कि बच्चों की कमी के कारण स्कूल दिन-प्रतिदिन बंद होते जा रहे हैं। ऐसे में इन शिक्षकों की ओर से सरकारी स्कूलों का विकास करना, बच्चों को पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध कराना, उनके नाम पर बैंक में पैसा जमा करने जैसे विभिन्न कार्य सराहनीय हैं। उनका कार्य अनुकरणीय है। हर चीज के लिए सरकार के पास हाथ नहीं फैलाकर, कोई अपेक्षा किए बिना, शिक्षक अगर मन में ठान लें तो कुछ भी कर सकते हैं इसके लिए यह एक उदाहरण है।

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