हवाई अड्डे को और अधिक उच्च स्तर को लेजाने की एएआई की तैयारी
हुब्बल्ली. वाणिज्य, शिक्षा और राजनीति समेत विभिन्न क्षेत्रों में धीरे-धीरे विकास की ओर बढ़े रहे हुब्बल्ली के लिए पूरक तौर पर हवाई अड्डे ने भी अपनी सुविधाएं बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं।
समय को प्राथमिकता कर यात्रा करने वाले गणमान्य व्यक्तियों (वीआईपी), अति विशिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों (वीवीआईपी), व्यापारियों, संसाधन व्यक्तियों, व्यापारियों, डॉक्टरों, संगीतकारों, कलाकारों, पर्यटकों, अनिवासी भारतीयों सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर को आने और जाने वालों की संख्या बढ़ रही है। साथ ही, महानगर उद्योग स्थापित करने के लिए एक आकर्षक गंतव्य के तौर पर परिवर्तित होने से पूंजी निवेशक भी आ रहे हैं।
पहले से टिकट आरक्षित करने की स्थिति
हुब्बल्ली से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और राज्य की राजधानी बेंगलूरु समेत विभिन्न महानगरों के लिए एक ही दिन में जाकर आने या फिर आकर जाने वालों को हवाई यात्रा अनिवार्य है। ऐसे लोगों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, इसके चलते हुब्बल्ली से हवाई यात्रा करने के लिए पहले से टिकट आरक्षित करने की स्थिति बनी हुई है।
आधारशिला रखने की तैयारी कर ली
2023 की शुरुआत से ही हुब्बल्ली से यात्रा करने वाले हवाई यात्रियों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। तदनुसार, भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) सुविधा का विस्तार करने के लिए विशाल नए टर्मिनल के निर्माण की खातिर जल्द ही आधारशिला रखने की तैयारी कर ली है।
यात्रियों को संभालना फिलहाल असंभव
3,600 वर्ग मीटर की इमारत वाले एक टर्मिनल का उद्घाटन 2017 में किया गया था और यह उपयोग में है। इसकी क्षमता एक समय में केवल 300 आने वाले और 300 जाने वाले यात्रियों को संभालने की है। एक साथ दो फ्लाइट से आने वाले यात्रियों को संभालना अब नामुमकिन है। साथ ही 300 से अधिक बैठने की क्षमता वाले विमान के यात्रियों को संभालना फिलहाल असंभव है।
नए टर्मिनल पर बनेंगे चार एयरोब्रिज
यात्रियों की बढ़ती संख्या के हिसाब से हवाई अड्डे का उन्नतीकरण किया जा रहा है। नवनिर्मित टर्मिनल का क्षेत्रफल 20,000 वर्ग मीटर होगा और इसमें 1,200 प्रस्थान करने वाले और 1,200 आने वाले यात्रियों को संभालने की क्षमता होगी। मौजूदा टर्मिनल के बगल में बायीं-दाहिनी ओर बहुमंजिला नया टर्मिनल बनेगा। हवाई यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं और टर्मिनल पर चार एयरोब्रिज (हवाई अड्डे से सीधे विमान में प्रवेश करने की व्यवस्था) का निर्माण किया जा रहा है।
पिछले साल जून में हवाई अड्डे को अपग्रेड करने की दी थी मंजूरी
मौजूदा टर्मिनल में तीन विमानों के छहरने की व्यवस्था है। नया टर्मिनल छह और विमानों के ठहरने की व्यवस्था होगी। इसमें एक साथ कुल नौ विमानें ठहर सकती हैं। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने टर्मिनल का उद्घाटन के दौरान ही बयान दिया था कि हुब्बल्ली एयरपोर्ट को धीरे-धीरे अपग्रेड किया जाएगा। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने पिछले साल जून में 273 करोड़ रुपए की लागत से हुब्बल्ली हवाई अड्डे को अपग्रेड करने की मंजूरी दी थी।
इसी फरवरी में शुरू होगा काम
एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) ने पिछले साल अक्टूबर में हुब्बल्ली में 260 करोड़ रुपए की लागत से एक नए टर्मिनल भवन के निर्माण के लिए इच्छुक कंपनियों से निविदाएं आमंत्रित की थीं। टेंडर में भाग लेने वाली आठ कंपनियों में से, हर्ष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (एचसीपीएल) को चुना गया, जिसने उल्लेख किया कि वह न्यूनतम 220 करोड़ रुपए की लागत से भवन का निर्माण करेगी और अगले सात वर्षों तक इसका संचालन करेगी। अब काम शुरू करने की खातिर भूमिपूजन कार्यक्रम आयोजित करने के लिए केंद्रीय मंत्री की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है। नए टर्मिनल का काम लगभग इसी फरवरी में शुरू हो जाएगा।
यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी
अधिकारियों ने बताया कि 2022 में बेलगावी सांबरा हवाई अड्डे और हुब्बल्ली हवाई अड्डे का यात्री यातायात दबाव बराबर था। 2023 के आंकड़ों के अनुसार, हुब्बल्ली से यात्री और माल ढुलाई में वृद्धि हुई है। हुब्बल्ली हवाई अड्डे में अक्टूबर 2023 में 30,308 यात्रियों का आगमन और प्रस्थान हुआ है। बेलगावी हवाई अड्डे पर 29,285 यात्री आए और गए। नवंबर में हुब्बल्ली में यात्रियों की संख्या में और बढ़ोतरी हुई और कुल 31,447 तक पहुंच गई। अप्रेल से अक्टूबर 2023 तक सात महीनों में कुल 2,10,642 यात्रियों ने हुब्बल्ली से यात्रा की। इस अवधि में बेलगावी से कुल 1,55,712 यात्रियों ने यात्रा की है।
पुणे के लिए जल्द ही शुरू होगी हवाई सेवा
पिछले सितंबर की सर्दियों से हुब्बल्ली-दिल्ली और हुब्बल्ली-मुंबई के लिए 72 सीटों की जगह 180 सीटों की क्षमता वाली एयरबस-320 उड़ानें शुरू की गई हैं। हुब्बल्ली से दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई, चेन्नई और बेंगलूरु के लिए हवाई सेवा उपलब्ध है। प्रति सप्ताह दो उड़ानों के साथ पुणे के लिए हवाई सेवा जल्द ही शुरू होगी।
15 किलो बैगेज फ्री
हवाई यात्रियों को अपनी सीट के ऊपर केबिन में अधिकतम 7 किलोग्राम सामान ले जाने की अनुमति है। इससे भारी सामान को कार्गो डिब्बे में अलग से रखा जाना चाहिए, जो अधिकतम 15 किलोग्राम तक मुफ्त है। यदि इसका वजन इससे अधिक होने पर इसके लिए शुल्क का भुगतान करना होगा। हुब्बल्ली हवाई अड्डे पर, पुलिस जांच के बाद, बोर्डिंग क्षेत्र में जाने से पहले सभी बैगों का एक्स-रे किया जाता है। केबिन बैगेज में रासायनिक और धातु संबंधी सामान ले जाने की अनुमति नहीं है। बोर्डिंग क्षेत्र से, कोच बस यात्रियों को हवाई अड्डे के टर्मिनल तक पहुंचाती है। एक कोच वाहन हवाई अड्डे के गेट के बगल में रहता है। इसके जरिए विमान में प्रवेश करना चाहिए। हुब्बल्ली एयरपोर्ट के अपग्रेड होने के बाद यात्री टर्मिनल बिल्डिंग से एयरोब्रिज के जरिए सीधे विमान में प्रवेश कर सकेंगे। कुल चार एयरोब्रिज बनाए जाएंगे।
400 से अधिक कर्मचारी
हुब्बल्ली हवाई अड्डे पर अधिकारियों सहित 400 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। एएआई की ओर से सौंपे गए कार्य को पूरा करने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के 66 अधिकारी, कर्नाटक पुलिस विभाग के लगभग 100 पुलिसकर्मी, इंडिगो एयरलाइंस के लगभग 150 कर्मचारी और लगभग 200 आउटसोर्स कर्मचारी हैं। स्टेशन सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक दो शिफ्टों में काम करता है।
कैंटीन की सुविधा नहीं
अधिकारियों के मुताबिक हुब्बल्ली एयरपोर्ट पर फिलहाल कैंटीन की सुविधा नहीं है। वहां सिर्फ चाय, बर्गर और सलाद की दुकान मात्र है। कैंटीन की सुविधा नहीं होने से यात्रियों और हवाई अड्डे के कर्मचारियों को परेशानी हो रही है। कैंटीन खोलने का ठेका देने की प्रक्रिया चल रही है।
बिजली में आत्मनिर्भर हवाई अड्डा
अधिकारियों ने बताया कि हुब्बल्ली एयरपोर्ट बिजली के मामले में आत्मनिर्भर है। हवाई अड्डा परिसर में लगभग 24 एकड़ क्षेत्र में 43 करोड़ रुपए की लागत से सोलर पैनल लगाए गए हैं और प्रतिदिन 8 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। अतिरिक्त बिजली हेस्कॉम खरीद रहा है। इसके अलावा, हुब्बल्ली हवाई अड्डे को पूरी तरह से हरा-भरा होने की ख्याति प्राप्त है।
हवाई अड्डे की स्थापना
हुब्बल्ली 1954 से पहले बॉम्बे प्रांत का हिस्सा था, राज्यों के पुनर्गठन अधिनियम के कार्यान्वयन के बाद कर्नाटक में आ गया। इसी दौरान ही हुब्बल्ली में हवाई अड्डा स्थापित करने का विचार पर अधिकारियों के स्तर पर अंकुरित हुआ। 1974 में, राज्य लोक निर्माण विभाग ने हवाई अड्डे के लिए कुल 588 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर हवाई अड्डे का निर्माण किया। इसे 1996 में हवाई अड्डा प्राधिकरण ने अपने अधिकार में ले लिया। 2003 में एयर डेक्कन एयरलाइन ने अपनी सेवा शुरू की। इसके बाद किंगफिशर कंपनी ने बेंगलूरु-मुंबई वाया हुब्बल्ली फ्लाइट सेवा शुरू की। 2014-2019 के बीच स्पाइसजेट कंपनी की उड़ानों ने यातायात सेवाएं प्रदान कीं। रनवे की मरम्मत के कारण सभी उड़ान सेवाएं निलंबित कर दी गईं। 2018 में, इंडिगो एयरलाइंस ने अपनी सेवा शुरू की और जारी रखी है। प्रतिदिन पांच आगमन और पांच प्रस्थान उड़ानें हैं। राज्य सरकार ने कुल 615 एकड़ जमीन एएआई को हस्तांतरित की है।