पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर।

जगदीश शेट्टर की घर वापसी के दो सप्ताह बाद भी समर्थकों के लिए नहीं खुले भाजपा के दरवाजे!
कार्यकर्ताओं और नेताओं में नहीं दिख रहा उत्साह
हुब्बल्ली. पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर को केंद्रीय नेतृत्व की मौजूदगी में भाजपा में घर वापसी हुए 15 दिन बीत चुके हैं। शेट्टर के समर्थकों ने भी उनके पीछे ही कांग्रेस को अलविदा कह दिया था परन्तु भाजपा का दरवाजा अभी तक उनके लिए खुला नहीं है। इसके कारण जगदीश शेट्टर और अन्य नेताओं के बीच शीतयुध्द चल रहा है।
शेट्टर ने कहा था कि भाजपा में शामिल होने के बाद वे अपने घर आ गए हैं। वहां मौजूद सभी लोग हमारे परिवार के सदस्य हैं परन्तु परिवार के वरिष्ठ की घर वापसी के बाद भी उनके अपने परिवार के सदस्यों में ऐसा उत्साह और उमंग अब तक देखने को नहीं मिल रही है, जो खुला रहस्य है।
भाजपा में शामिल होने के बाद शेट्टर के हुब्बल्ली पहुंचने पर कोई भी स्थानीय नेता उनके स्वागत के लिए नहीं आया। यहां तक कि जब वे पार्टी कार्यालय गए, तो केवल विधायक महेश टेंगिनकाई, भाजपा जिला अध्यक्ष तिप्पन्ना मज्जगी ने शॉल और माला पहनाकर पांच मिनट में स्वागत समारोह पूरा किया। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी और विधायक अरविंद बेल्लद शहर में होने के बावजूद नहीं पहुंचे थे।

शेट्टर और उनके समर्थक नाराज
कहा जा रहा है कि 9 महीने बाद पार्टी कार्यालय पहुंचे पूर्व सीएम शेट्टर को शिष्टाचार के नाते भी कार्यालय में बैठने की व्यवस्था नहीं की गई थी। दो बात करने का भी मौका नहीं दिया था। शेट्टर के साथ आए अन्य नेताओं को माला तक नहीं पहनाई। शेट्टर के साथ कांग्रेस से इस्तीफा देने के बावजूद अभी तक उन्हें कोई मान्यता नहीं दी गई है। इन सभी घटनाक्रमों से शेट्टर और उनके समर्थक नाराज हैं।

शर्मिंदा करने की कोशिश
स्थानीय नेताओं का कहना है कि दिल्ली स्तर पर आलाकमान के नेताओं ने स्थानीय नेताओं के ध्यान में लाए बिना व्यक्तिगत तौर पर शेट्टर को पार्टी में वापस बुला लिया है। इससे उन स्थानीय नेताओं की नाराजगी भी बढ़ गई है जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में शेट्टर के खिलाफ प्रतिद्वंद्वी के तौर पर चुनाव लड़ा था। इसी वजह से शेट्टर को और अधिक शर्मिंदा करने के इरादे से उनके समर्थकों को पार्टी में शामिल करने का काम नहीं किया गया है।

कार्यकारिणी से रहे अनुपस्थित, चेतावनी दी
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि शेट्टर और शंकर पाटिल मुनेनकोप्पा दोनों अपने समर्थकों को भाजपा में शामिल करने में हो रही देरी से नाराज होकर केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी की बैठक से अनुपस्थित रहे। शेट्टर की अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय मंत्री जोशी ने उसी रात एक निजी होटल में कार्यकारिणी सदस्यों, विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों के साथ शेट्टर को बुलाकर चर्चा की तो वहां शेट्टर ने अपने समर्थकों को शामिल नहीं करने को लेकर नाराजगी जताते हुए चेतावनी भी दी कि अगर आप जिला स्तर पर शामिल नहीं करेंगे तो प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी में शामिल करवाना पड़ सकता है।

स्थानीय नेताओं, कार्यकर्ताओं का विरोध
स्थानीय नेताओं के अनुसार देरी का कारण यह है कि कुछ स्थानीय वार्डों के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने शेट्टर के समर्थकों को शामिल करने पर विरोध जताया है। उच्च स्तर पर आसानी से शामिल किया जा सकता है परन्तु स्थानीय स्तर पर शामिल करना इतना आसान नहीं है। छोटी-छोटी परेशानियां आती रहती हैं। पार्टी में इस बात पर चर्चा चल रही है कि पार्टी के जिला अध्यक्ष और विधायकों को उन सभी कार्यकर्ताओं को विश्वास में लेने के बाद पार्टी में शामिल करने की समय सीमा तय की जाएगी।

पार्टी में शामिल नहीं किया
कुछ कारणों से शेट्टर के साथ कांग्रेस से इस्तीफा देने वालों को पार्टी में शामिल नहीं किया गया है। विधायक और सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष बैठक कर अंतिम निर्णय लेंगे। रविवार 11 फरवरी को पार्टी के जिला कार्यालय में पार्टी में शामिल करने का कार्यक्रम आयोजित होने की उम्मीद है।
तिप्पन्ना मज्जगी, भाजपा अध्यक्ष, हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर जिला

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