Incident caused by failure of beat system? उडुपी जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. के अरुण।

बीट सिस्टम की विफलता के कारण हुई घटना?
उडुपी गैंगवार पर स्थानीय लोगों में छाया डर
उडुपी. जिले के शहरी और ग्रामीण इलाकों में पुलिस वाहनों की गश्त हाल ही में कम हो गई है। इसकी वजह से रात में अपराध बढऩे के आरोपों के बीच गैंगवार से और भी डर पैदा हो गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पूर्व में पुलिस बीट व्यवस्थित तौर पर चल रही थी। शहर व ग्रामीण क्षेत्र के कुछ इलाकों को ग्रुप बनाकर बारी-बारी बीट बांटी गई थी। इतना ही नहीं, अपने क्षेत्र में गश्त के दौरान संबंधित क्षेत्र के विशिष्ट स्थानों जैसे होटल, दुकान आदि पर पुस्तकों पर हस्ताक्षर करने की भी व्यवस्था थी। इस वजह से पुलिस लगातार गश्त करती रहती थी। स्थानीय स्तर पर कुछ हद तक सतर्कता थी परन्तु अब वह व्यवस्था कम हो गई है। इसके चलते ऐसी घटना हो रही हैं।
अब बीट पर जाने वाले पुलिसकर्मियों को ऐप के जरिए अपडेट करना होगा। आरोप है कि कई जगहों पर वे गाड़ी के अंदर बैठकर या कुछ जगह पर गए बिना ही अपडेट कर देते हैं। गश्त भी बहुत कम हो गया है। कुछ स्थानों पर सीसीटीवी लगाए गए हैं परन्तु रखरखाव के बिना बेकार हो गए हैं।
पहले पुलिस विभाग के पास कुछ स्थानीय मुखबिर हुआ करते थे। अब यह व्यवस्था पूरी तरह खत्म हो गई है। इसके चलते चाहे कुछ भी हो पुलिस स्थानीय लोगों के सूचना देने पर ही आएगी। ऐसी ही एक घटना घट सकती है, इसकी जानकारी देनेवाले मुखबिरों की टीम, सिस्टम पहले जैसा मजबूत नहीं है।

सिर्फ गाड़ी खड़ी रहती है
लोगों का आरोप है कि शहर के कई हिस्सों में शाम 7 से 10 बजे के बीच पुलिस की गश्त पूरी हो जाती है। देर रात की गश्त प्रभावी नहीं है। सिर्फ पुलिस की गाड़ी यहां-वहां खड़ी रहती है। वाहन के अंदर पुलिस के होने फिर भी वे नीचे नहीं उतरते हैं। इतना ही नहीं, गाड़ी के पास ही कुछ अवैध गतिविधियों के चलने के बाद भी उसे रोकते नहीं हैं।
लोगों का कहना है कि जिलाधिकारी कार्यालय के पास ही कई अवैध गतिविधियां चलती रहती हैं। गांजा सहित मादक वस्तुओं का सेवन, रैश राइडिंग, व्हीलिंग आदि आम हैं। उडुपी-मणिपाल-परकल रोड पर भी ऐसी हरकतें आम हो गई हैं। खासकर सप्ताहांत में बीच सडक़ पर ही नशेडिय़ों का जमावड़ा लग जाता है। वाहन चालकों को भी इनसे परेशानी हो रही है। पुलिस गश्त व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी तो ऐसी सभी गतिविधियों पर अंकुश लग सकता है। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए।

कार्रवाई तेज की गई है
गरुड़ गिरोह के सदस्यों के बीच लड़ाई हुई है। गिरोह दो टीमों में बंटा हुआ है और टीम के सदस्य ईष्र्या के कारण आपस में मारपीट की है। मामले में अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और दो कारें और दो बाइक दुपहिया वाहन, ड्रैगर, तलवार जब्त किए गए हैं। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई तेज की गई है।
डॉ. के अरुण, जिला पुलिस अधीक्षक, उडुपी

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