जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र शुल्क में भारी वृद्धि, जनता पर सरकारी बोझ!जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र शुल्क में भारी वृद्धि, जनता पर सरकारी बोझ!

राज्य सरकार ने 4 फरवरी को जारी किया आदेश

हुब्बल्ली. जन्म और मृत्यु प्रकृति में स्वाभाविक प्रक्रियाएं हैं। जन्मे बच्चे के लिए जन्म प्रमाण पत्र तथा मृत व्यक्ति के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक है।

इन प्रमाण-पत्रों को बैंकों और सरकारी योजनाओं सहित कई स्थानों पर जमा करना आवश्यक है परन्तु जो पहले आवेदन करने और मात्र पांच रुपए का भुगतान करने पर मिलने वाले जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र अब महंगे हो गए हैं। राज्य सरकार ने 4 फरवरी को एक आदेश जारी कर प्रमाण पत्र शुल्क में भारी वृद्धि की है।

जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र अभी भी अनिवार्य

बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाने, आधार कार्ड बनवाने तथा अन्य मामलों में जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। किसी मृत व्यक्ति की संपत्ति और अन्य दस्तावेजों को किसी अन्य के नाम पर स्थानांतरित करने के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र अभी भी अनिवार्य है। इसके चलते लोग ये प्रमाण पत्र ग्राम पंचायत और राजस्व विभाग सहित स्थानीय निकायों के माध्यम से प्राप्त करते हैं।

जनता में रोष

इन प्रमाणपत्रों के लिए जन्म या मृत्यु के 21 दिनों के भीतर आवेदन सौंपकर प्राप्त करना चाहिए और इन्हें प्राप्त करना चाहिए। तब एक प्रति नि:शुल्क दी जाती है। यदि 21 दिन से अधिक समय हो गया है तो 30 दिन के भीतर आवेदन सौंपना चाहिए। इसके लिए अभी तक प्रतिदिन दो रुपए का जुर्माना देना पड़ता था परन्तु अब 20 रुपए देने होंगे। यदि प्रमाण पत्र 30 दिन से एक वर्ष के भीतर प्राप्त करना हो तो पांच रुपए का जुर्माना देना पड़ता था अब 50 रुपए देना पडेगा। जन्म एवं मृत्यु प्रमाण-पत्रों के शुल्क में अचानक दस गुना वृद्धि से जनता में रोष व्याप्त हो गया है।

450 से 500 आवेदन प्राप्त होते हैं

वर्तमान में हुब्बल्ली और धारवाड़ महानगर निगमों के अधिकार क्षेत्र के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में हर महीने जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए लगभग 450 से 500 आवेदन प्राप्त होते हैं। पुन:, उतनी ही संख्या में आवेदनों का निपटारा किया जा रहा है।
डॉ. श्रीधर दंडप्पनवर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम

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