श्रमिकों के लिए बनाए गए 180 मकान जीर्ण-शीर्णनौ वर्षों से खंडहर पड़े आवासीय परिसर के चारों ओर उगी घास-फूस और टूटे हुए घर की खिडक़ी के शीशे।

केआईएडीबी की लापरवाही

18 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित

अवैध गतिविधियों का अड्डा बना

हुब्बल्ली. शहर के बाहरी इलाके के गामनगट्टी औद्योगिक क्षेत्र आवास परिसर में श्रमिकों और कर्मचारियों के लिए बनाए गए 180 मकान जीर्ण-शीर्ण हो गए हैं। 18 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित यह परिसर नौ वर्षों से अप्रयुक्त है और अवैध गतिविधियों का अड्डा बना हुआ है।

एक तरफ इमारतें धूल से ढकी हुई हैं, तो दूसरी तरफ घरों के दरवाजे और खिड़कियां टूटी हुई हैं। बिजली, उपकरण, बेसिन और सिंक चोरी हो गए हैं। कुछ घरों के दरवाजों के ताले टूट गए हैं। शराब के पैकेट और सिगरेट के टुकड़े चारों ओर बिखरे पड़े हैं। घरों और बरामदों में लगे एलईडी बल्ब चोरी हो गए हैं। खिड़कियां और रसोईघर धूल और मकड़ी के जाले से ढके हुए हैं। खिड़कियां और दरवाजे खुले होने से ऊपर की मंजिल पर स्थित अधिकांश घरों के अंदर पक्षियों ने घोंसला बना लिया है।

जीर्ण-शीर्ण हो रहे हैं सुसज्जित मकान

लोगों का आरोप है कि अधिकारियों की दूरदर्शिता की कमी के कारण अवैज्ञानिक योजन और लापरवाही से सुविधाओं से सुसज्जित मकान जीर्ण-शीर्ण हो रहे हैं।

बस सुविधा नहीं होने से कोई नहीं रहता

दस वर्ष पूर्व हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम के अधिकार क्षेत्र के गामनगट्टी क्षेत्र में, औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के उद्देश्य से 25 एकड़ भूमि को टाउनशिप के लिए आरक्षित किया गया था। आसपास के क्षेत्र में स्थित बड़ी-छोटी फैक्ट्रियों और कंपनियों में आने वाले श्रमिकों और कर्मचारियों को भी जमीन खरीदने का अवसर दिया गया था। कुछ लोगों ने जमीन खरीदकर मकान बना लिए हैं परन्तु बस सुविधा नहीं होने से कोई नहीं रहता। कुछ लोगों ने खरीदे गए भूखंडों को वैसे ही छोड़ दिया है, जिसके चलते उनमें कांटे और झाडिय़ां उगी हैं। वहीं तीन एकड़ भूमि पर यह आवासीय परिसर स्थित है।

15 ब्लॉक हैं, प्रत्येक ब्लॉक में 12 घर

आवास परिसर में 15 ब्लॉक हैं, प्रत्येक ब्लॉक में 12 घर हैं। प्रत्येक मकान के निर्माण पर 7.50 लाख रुपए की अनुमानित लागत आई है। सीवरेज, गटर और लाइट की सुविधाएं प्रदान की गई हैं। पीने के पानी के लिए पाइपलाइनें बिछाई गई हैं और पानी की टंकियां रखी गई हैं। आपातकालीन स्थिति में उपयोग के लिए बोरवेल कनेक्शन भी उपलब्ध है परन्तु वर्षों तक उपयोग न होने के कारण सामग्री खराब हो रही है और चोरों का निशाना भी बन रही है।

नवनगर पुलिस थाने में मामला दर्ज

एक अधिकारी ने बताया कुछ महीने पहले, जब मैं अधिकारियों के साथ आवसीय परिसर निरीक्षण के लिए गया था, तो मैंने देखा कि इमारत के अंदर तीन या चार लोग शराब पी रहे थे और सिगरेट पी रहे थे। वे बिहार से थे, उसके पास संभवत: पिस्तौल और बंदूकें होने की संभावना के कारण हमने बिना किसी सवाल के पुलिस को जानकारी दी थी। पुलिस ने एक को पकड़ लिया था, जबकि अन्य दो भाग निकले। नवनगर पुलिस थाने में भी मामला दर्ज किया गया है।

परिसर के सामने से गुजरना भी डरावना लगता है

व्यवसायी रविशंकर बी.एच. ने कहा कि शहर के बाहरी इलाके में एक निर्जन क्षेत्र में यह परिसर स्थित है, इसलिए यहां दिन-रात अवैध गतिविधियां चलती रहती हैं। रात आठ बजे के बाद शराबी एकत्र होकर मौज-मस्ती करते हैं, जिससे परिसर के सामने से गुजरना भी डरावना लगता है। रखरखाव के बिना आठ वर्षों से जीर्ण-शीर्ण पड़े इस भवन का अच्छा उपयोग होना चाहिए। सरकारी धन अनावश्यक बर्बाद हो रहा है।

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