बर्ड फ्लू का डर: पोल्ट्री फार्मों पर निगरानीबर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद पोल्ट्री फार्मों का दौरा कर पोल्ट्री फार्मों के मालिकों में जागरूकता पहुंचाते पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. मोहन कुमार।

बरती जा रही अतिरिक्त सावधानी

बाहर से आने वाले वाहनों को नहीं दी जा रही अनुमति

मुर्गीपालन करने वालों की जुटाई जा रही जानकारी

कारवार. राज्य के कुछ जिलों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद पशुपालन विभाग ने जिले भर में कड़ी सतर्कता बरती है। निजी पोल्ट्री फार्मों में मुर्गियों के स्वास्थ्य पर नजर रखने के निर्देश दिए जा रहे हैं।

जिले में 160 पोल्ट्री फार्म हैं, जिनमें 4.64 लाख मुर्गियां पाली जा रही हैं।

प्रत्येक पोल्ट्री फार्म पर नजर रखी जा रही है तथा बाहरी जिलों से मुर्गियां लाए जाने पर अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है। मुर्गीपालन केन्द्र पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में मुर्गीपालन करने वालों की जानकारी जुटाई जा रही है।

अत्यधिक सावधानी बरती है

अधिकारियों का कहना है कि बर्ड फ्लू के डर के कारण पोल्ट्री फार्म के मालिकों ने अत्यधिक सावधानी बरती है और मुर्गियों को ले जाने के लिए बाहर से आने वाले वाहनों को फार्म परिसर में जाने की अनुमति देने से इनकार कर रहे हैं।

सावधानी को प्राथमिकता दी गई है

जिले में या आसपास के जिलों में बर्ड फ्लू नहीं पाया गया है। इसके बावजूद सावधानी को प्राथमिकता दी गई है। मुर्गी खरीदने आने वाला वाहन अगर कहीं और से मुर्गियां लेकर आया है तो उसे फार्म परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है।
संतोष नायक, मुर्गी फार्म के मालिक

मुर्गी मांस की मांग में गिरावट

बर्ड फ्लू के डर के कारण जिले के बाजारों में मुर्गी के मांस की बिक्री में औसतन 15 से 20 प्रतिशत की कमी आई है। भले ही जिले और पड़ोसी जिलों में बर्ड फ्लू नहीं फैला है, परन्तु सोशल मीडिया पर मुर्गी का मांस खाने के खिलाफ अफवाहें फैलाई जा रही हैं। इससे लोग चिंतित हो रहे हैं और मुर्गी का मांस खरीदने से कतरा रहे हैं। इसके अलावा, बढ़ते तापमान के कारण लोग मुर्गी का मांस खाने से हिचकिचा रहे हैं। इस सब के कारण, रविवार को चिकन का व्यापार, जो कि अधिक होना चाहिए था, अपेक्षा से कम रहा।
राजेश बाडकर, चिकन के थोक विक्रेता, कारवार

सावधानी बरतने के लिए जागरूकता बढ़ा रहे हैं

बर्ड फ्लू से संक्रमित मुर्गियां बड़ी संख्या में मर रही हैं। फ्लू बहुत तेजी से फैलने के कारण एक साथ हजारों मुर्गियों के मरने का खतरा है। इसके चलते पोल्ट्री फार्मों में स्वास्थ्य सुरक्षा की निगरानी करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। फार्म मालिकों को प्रत्येक मुर्गी की स्वास्थ्य स्थिति, उनके भोजन सेवन और अन्य गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। फार्मों में साफ-सफाई बनाए रखने की सलाह दी जा रही है। उनसे मुर्गियों की मृत्यु की सूचना तुरंत देने को भी कह रहे हैं। उत्तर कन्नड़ जिले में बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है। हम पोल्ट्री किसानों के बीच सावधानी बरतने के लिए जागरूकता बढ़ा रहे हैं।
डॉ. मोहन कुमार, उप निदेशक, पशुपालन विभाग

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