वर्षा जल का उपयोग, गोल्फ कोर्स में खिली हरियालीहुब्बल्ली के केश्वापुर स्थित रेलवे ऑफिसर्स कॉलोनी के गोल्फ कोर्स में निर्मित वर्षा जल संचयन परियोजना का कुंड।

दपरे हुब्बल्ली मंडल की पहल

78 लाख रुपए की लागत से वर्षा जल संचयन एवं पुनर्चक्रण परियोजना क्रियान्वित

हुब्बल्ली. हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम ने बार-बार वर्षा जल संचयन प्रणाली के कार्यान्वयन का निर्देश दिया है, परन्तु इस दिशा में बहुत कम काम किया गया है।

दक्षिण पश्चिम रेलवे (दपरे) हुब्बल्ली मंडल के अधिकारियों ने महानगर निगम के निर्देशों को गंभीरता से लेते हुए 78 लाख रुपए की लागत से वर्षा जल संचयन एवं पुनर्चक्रण परियोजना क्रियान्वित की है।

शहर के केश्वापुर स्थित रेलवे ऑफिसर्स कॉलोनी में 38 एकड़ में फैले गोल्फ कोर्स में वर्षा जल संचयन परियोजना लागू की गई है। इससे पानी बचाने में मदद मिली है।

बरसात के मौसम में, वर्षा का पानी गोल्फ कोर्स की ढलान से बहकर शहरी नाले में मिल जाता था। अधिकारियों ने ऐसे तीन स्थानों की पहचान की और वहां छोटी नहरें बनाईं। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि पानी टंकियों में एकत्र हो।

78 लाख रुपए की लागत से योजना कार्यान्वयन

दक्षिण पश्चिम रेलवे हुब्बल्ली मंडल के सेवानिवृत्त पर्यावरण अधिकारी (सीएमईएनएचए) अजय सिंह ने बताया कि पानी की समस्या के कारण गोल्फ कोर्स के रखरखाव में समस्या आ रही थी। पानी बहुत जरूरी था परन्तु यहां बोरवेल में भी पानी उपलब्ध नहीं था। जमीन पर वर्षा जल संचयन परियोजना के कार्यान्वयन से जमीन के लिए आवश्यक जल एकत्र करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, कॉलोनी में घरों के परिसर में स्थित छोटे बगीचों में पानी की आपूर्ति की संभावना पर तत्कालीन दक्षिण पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अरविंद श्रीवास्तव और संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की गई। इसके बाद अधिकारियों ने परियोजना के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक 78 लाख रुपए मंजूर किए हैं।

तीन कुंडों का निर्माण

उन्होंने बताया कि हमने वैज्ञानिक तरीके से मैदान के तीन ओर ढलानों पर 7 फीट गहरे तीन विशाल कुंडों का निर्माण किया है, ताकि वर्षा जल को एकत्र किया जा सके, जो अन्यथा मैदान में व्यर्थ बह जाता।” इन सबके परिणामस्वरूप बोरवेलों में भूजल स्तर बढ़ गया है। तीन टंकियों में 20,000 लीटर पानी एकत्र किया गया है। एकत्रित पानी से हम मैदान में कम से कम 8 महीने तक जितनी आवश्यकता हो, उतना छिडक़ाव कर सकते हैं। इस कारण कुंडों के चारों ओर स्प्रिंकलर पाइप लगाए गए हैं। मैदान में इस्तेमाल होने वाले पानी का इस्तेमाल आने वाले दिनों में कॉलोनी के घरों के परिसर में बगीचों में भी किया जा सकेगा। तत्कालीन दक्षिण पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक रहे अरविंद श्रीवास्तव और अधिकारियों ने सहायता की। परियोजना का कार्य जुलाई 2024 में शुरू हुआ और 19 फरवरी 2025 को इसका उद्घाटन किया गया।

पेड़-पौधों को पोषण

स्थानीय निवासी अरविंद खरगे ने कहा कि पानी को व्यर्थ बहने और सीवर में जाने से रोकना चाहिए। यदि लोग अपने घरों में वर्षा जल के लिए टैंक की व्यवस्था करेंगे तो पानी की बचत होगी। इससे जल की कमी दूर हो सकती है तथा पेड़-पौधों को पोषण मिल सकता है। बगीचों का रखरखाव किया जा सकता है।

और अधिक विकास किया जाएगा

गोल्फ कोर्स का रखरखाव करने वाले रेलवे कर्मचारी का कहना है कि पानी की समस्या के कारण गोल्फ कोर्स का रखरखाव कठिन था। परियोजना के कार्यान्वयन से मैदान को आवश्यक मात्रा में पानी उपलब्ध हो सकेगा। मैदान का और अधिक विकास किया जाएगा।

वर्षा जल संचयन योजनाओं को लागू करें

जो लोग बहुत अधिक पानी का उपयोग करने वाली नई इमारतों का निर्माण कर रहे हैं, यदि वे वर्षा जल संचयन योजनाओं को लागू करें तो वे भविष्य की जल समस्याओं का प्रभावी ढंग से समाधान कर सकते हैं।
भाग्यश्री एम.एन., सहायक निदेशक, शहरी योजना विभाग, हुब्बल्ली धारवाड़ महानगर निगम

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