अंतिम चरण का कार्य जोरों पर!
शिवमोग्गा. दशकों से मांग का विषय रहे सिगंदूर पुल का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है और काम के अंतिम चरण चल रहे हैं। इस बीच, पिछले कुछ दिनों से पुल पर डामरीकरण का काम चल रहा है।
इस संबंध में सांसद बीवाई राघवेंद्र की कार्यालय मीडिया टीम ने 22 मार्च को पुल के डामरीकरण की तस्वीरें जारी की हैं।
ऐसा कहा जा रहा है कि पुल की अवरोधक (रिटेनिंग) दीवार का काम पूरा हो चुका है और डामरीकरण का काम जोरों पर है। इसके पूरा हो जाने के बाद वाहनों की परीक्षणात्मक आवाजाही की अनुमति मिल सकेगी।
यदि सब कुछ उम्मीद के मुताबिक रहा तो मई में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की ओर से पुल का आधिकारिक उद्घाटन किया जाएगा, हालांकि तारीख अभी तय नहीं हुई है।
राज्य का दूसरा सबसे बड़ा पुल
सिगंदूर ब्रिज की कुल लंबाई 2.44 किमी है। यह 16 मीटर चौड़ी 5-स्पैन केबल पर आधारित है। यह दक्षिण भारत का पहला और सबसे लंबा केबल-स्टेड ब्रिज होगा। यह राज्य का दूसरा सबसे बड़ा और देश का सातवां सबसे बड़ा पुल होगा। सिगंदूर पुल सागर, सिगंदूर और कोल्लूर क्षेत्रों के पर्यटन विकास में भी योगदान देगा। कोल्लूर से सम्पर्क और भी निकट हो जाएगा। इसी तरह, यह तुमरी और ब्याकोडी जैसे शरावती बैकवाटर गांवों के विकास के लिए एक नया मार्ग बनेगा।
यह पुल शरावती बैकवाटर के लोगों का दशकों पुराना सपना था, जिन्होंने प्रदेश की रोशनी के लिए अपने कीमती खेत, खलिहान और घरों का बलिदान दिया था। अब यह वास्तविकता बनने के कगार पर है। यह पुल इस क्षेत्र की संपर्क प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन लाएगा। तटीय क्षेत्र तक सम्पर्क आसान हो जाएगा।