4.50 करोड़ रुपए की लागत की योजना
बेलगावी. कर्नाटक दुग्ध महासंघ (केएमएफ) और जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ महासंघ (बीईएमयूएल) की ओर से शहर के महांतेश नगर में महासंघ के परिसर में बनाए गए छात्रावास में दूध उत्पादकों के बच्चों ने प्रवेश लेने में अरुचि व्यक्त की है।
इसके चलते इस भवन को दो वर्ष की अवधि के लिए समाज कल्याण विभाग को किराए पर सौंपा गया है। वहां पर बी.आर. अंबेडकर सरकारी पोस्ट मैट्रिक बालिका छात्रावास क्रमांक 5 संचालित किया जा रहा है।
यदि दूध उत्पादकों के बच्चे 2025-26 में छात्रावास में प्रवेश लेना चाहें तो भी अवसर नहीं मिलेगा।
4.50 करोड़ रुपए की लागत के कार्य
दूध उत्पादकों के बच्चों की शिक्षा की सुविधा के लिए बेलगावी में एक छात्रावास का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। तत्कालीन केएमएफ अध्यक्ष (वर्तमान में बेमुल अध्यक्ष) बालचंद्र जारकीहोली ने 29 अक्टूबर, 2021 को 4.50 करोड़ रुपए की लागत वाले कार्य का भूमि पूजन किया था। इसमें 50 छात्र और 50 छात्राएं समेत 100 लोगों के रहने की योजना थी।
हमारे बच्चों को भी मौका दे
मुगलिहाल के दूध उत्पादक बसवराज मायन्नवर ने कहा कि दूध उत्पादकों के बच्चों के डिग्री हासिल करने की संभावना कम है। इसके चलते बेलगावी छात्रावास में आगामी दिनों में पीयू पढऩे वाले हमारे बच्चों को भी मौका देना चाहिए।
केवल चार आवेदन प्राप्त हुए
बेमुल के प्रबंध निदेशक श्रीकांत वीएन ने बताया कि यह अच्छी तरह से निर्मित भवन 2024 में पूरा हो गया। हमने यहां प्रवेश के लिए डेयरी फार्मिंग में डिग्री और डिप्लोमा की पढ़ाई कर रहे छात्रों से आवेदन आमंत्रित किए थे परन्तु केवल चार आवेदन प्राप्त हुए हैं। वे कॉलेज से छात्रावास की दूरी तथा अन्य कारणों से छात्रावास में प्रवेश करने से हिचकिचा रहे हैं। इसलिए हमने भवन को समाज कल्याण विभाग को किराए पर दे दिया है, ताकि इसकी हालत खराब न हो।
कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली
उन्होंने बताया कि बेलगावी जिले में 609 सहकारी दूध उत्पादक संघ हैं। हमने इन्हें एक परिपत्र जारी कर 31 हजार से अधिक दुग्ध उत्पादकों के लिए छात्रावासों के निर्माण के बारे में जानकारी दी थी। हमने पर्चे भी बांटे थे। हमने हर तरह से प्रचार किया था परन्तु कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
पुन: प्रयास करेंगे
श्रीकांत वी.एन. ने बताया कि हमने दिसंबर 2024 से दिसंबर 2026 तक की अवधि के लिए छात्रावास को समाज कल्याण विभाग को किराए पर दे दिया है। यह अवधि समाप्त होने के बाद भवन हमें वापस सौंप दिया जाएगा। इसके बाद हम पुन: आवेदन आमंत्रित करेंगे और दूध उत्पादकों के बच्चों को प्रवेश दिलाने का प्रयास करेंगे।