रायचूर. जिले के सिरवार तालुक के माचनूर गांव में कब्रिस्तान की अनुपलब्धता के कारण, ग्रामीणों की स्थिति ऐसी है कि गांव में मरने वाले किसी भी व्यक्ति को नहर को पार करके गैरानी भूमि में अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने कहा कि बारिश का मौसम शुरू हो चुका है और जिले में भारी बारिश हो रही है, इसलिए नहरें उफान पर हैं। इस स्थिति में दाह संस्कार के लिए श्मशान घाट न होने के कारण ग्रामीणों को मृतक का दाह संस्कार करने के लिए शव को हाथों में उठाकर ले जाना पड़ता है। तालुक प्रशासन को ग्रामीणों को तत्काल श्मशान घाट आवंटित करना चाहिए।
गांव के नेता विजय कुमार माचनूर का कहना है कि गांव में श्मशान घाट नहीं है, इसलिए नहर के बगल में स्थित गैरानी भूमि पर दाह संस्कार किया जा रहा है। अब बरसात के मौसम में नहर में अधिक पानी आने पर नहर को पार करना मुश्किल हो जाता है, इसलिए अगर गांव को तत्काल श्मशान घाट आवंटित किया जाए तो ग्रामीणों के लिए यह फायदेमंद होगा।