नदी में छोड़ा 80 हजार क्यूसेक पानी
निचले गांवों को चेतावनी
होसपेट (विजयनगर). तुंगभद्रा जलाशय क्षेत्र में हो रही भारी बारिश और तुंगा व भद्रा जलाशयों तथा वरदा नदी से आ रहे अधिक प्रवाह के चलते रविवार दोपहर 12 बजे के बाद नदी में 60 से 80 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने की चेतावनी तुंगभद्रा बोर्ड ने जारी की है।
कई दिनों से जलाशय में लगातार अधिक मात्रा में पानी प्रवेश कर रहा है। रविवार सुबह 8 बजे तक 42 हजार क्यूसेक का इनफ्लो दर्ज किया गया था, जो 80 हजार क्यूसेक तक पहुंचने की संभावना है।
बोर्ड ने बताया कि तुंगा जलाशय से 34 हजार, भद्रा से 24 हजार, वरदा से 10 हजार क्यूसेक पानी आ रहा है। जलाशय की सुरक्षा को देखते हुए अतिरिक्त पानी छोड़ा जाएगा और आगे की स्थिति इनफ्लो पर निर्भर करेगी। इस संबंध में नदी किनारे और निचले इलाकों के गांवों को अलर्ट जारी किया गया है। जलाशय की अधिकतम क्षमता 1633 फीट है वर्तमान स्तर 1625.76 फीट हैं संग्रह 78.969 टीएमसी दर्ज किया गया है।
गेटों में गंभीर समस्या
जलाशय का 19वां क्रस्ट गेट बीते वर्ष टूट गया था। अब 11, 18, 20, 24, 27 और 28वें गेटों में भी तकनीकी खामियां सामने आई हैं। इसके चलते पानी छोडऩे की प्रक्रिया प्रभावित हुई है।
तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पानी का स्तर तेजी से बढ़ा और गेट नहीं खोले जा सके तो जलाशय पर अतिरिक्त दबाव बनेगा, जिससे आसपास के इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
वर्तमान में 28 हजार क्यूसेक पानी की आमद हो रही है और उतनी ही मात्रा में छोड़ा जा रहा है। 105.788 टीएमसी क्षमता वाले जलाशय में फिलहाल केवल 30 टीएमसी पानी संग्रहित है। जुलाई से अब तक करीब 130 टीएमसी पानी नदियों में बह चुका है।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि 70 वर्ष पुराने गेटों को समय पर बदले बिना मरम्मत पर निर्भर रहना जलाशय की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
अधिकारियों ने कहा कि निचले गांवों में एहतियातन सतर्कता बरतनी चाहिए।
तुंगभद्रा जलाशय के क्रेस्ट गेटों में से छह बंद
जलाशय के क्रेस्ट गेटों में से छह गेट बंद कर दिए गए हैं। यदि अचानक अधिक मात्रा में पानी का प्रवाह भी हो जाए तो नदी में पानी छोडऩे में किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। दो सप्ताह पहले ही 1.30 लाख क्यूसेक तक पानी नदी में छोड़ा गया था।
–राघवेंद्र, एसई, तुंगभद्रा बोर्ड, मुनिराबाद
