
सिद्धरामय्या ने कहा- जनता से माफी मांगें पीएम मोदी
बेलगावी. विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता सिद्धरामय्या ने कहा कि कोविड-19 से हुई मौतों के आंकड़े पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही झूठ बोलेंगे तो क्या कहें।
शहर में शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए सिद्धरामय्या ने कहा कि देश में कोविड-19 से मारे गए लोगों की पुख्ता संख्या को आम करने के लिए मृत्यु ऑडिट चलाना चाहिए। कोविड के मुद्दे पर झूठे आकलन देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई तथा संबंधितों को जनता से क्षमा मांगनी चाहिए। जनवरी से दिसंबर 2020 तक देश में 47 लाख जनों की कोविड के कारण मृत्यु होने की विश्व स्वास्थ्य संस्था (डब्ल्यूएचओ) ने बात कही है। यह किसी राजनीतिक पार्टी की ओर से दी गई जानकारी नहीं है परन्तु सरकार ने इसका इनकार किया है। मात्र इतना कहा है कि 5.20 लाख जनों की मृत्यु हुई है। डब्ल्यूएचओ ने जो कहा वह गलत कैसे हो सकता है। कोविड से कर्नाटक में पांच लाख तथा देश में 50 लाख लोग मरे हैं परन्तु सरकार झूठ बोल रही है। मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री से लेकर सरकार में बैठे सभी झूठ बोल रहे हैं तो क्या कह सकते हैं।
उन्होंने कहा कि देश भर में कोरोना से मारे गए लोगों का ऑडिट करना चाहिए। हर परिवार या फिर वारिसों को चार-चार लाख रुपए मुआवजा देना चाहिए। सरकार सच कहने के लिए होती है परन्तु सच्चाई को छिपाया जा रहा है।
हम किसी को भी चाय तक नहीं पिलाकर सीएम बने
मंत्री पद के उम्मीदवार भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटील यत्नाल ने दिल्ली से उनके पास आए कुछ लोगों के आपको मुख्यमंत्री बनाएंगे 2,500 करोड़ रुपए तैयार रखें इस प्रकार का बयान दिया था, इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिध्दरामय्या ने कहा कि हम किसी को भी पांच पैसे तक नहीं देकर, चाय तक नहीं पिलाकर मुख्यमंत्री बने थे। हमारा चयन विधायकों ने किया था। पार्टी आलाकमान ने इसकी मंजूरी दी थी। पांच वर्ष किसी को भी चाय तक पिलाए बिना मुख्यमंत्री का पद संभाला।
कुमारस्वामी का नाम लेते ही नाराज हुए
जद एस विधायक दल के नेता एचडी कुमारस्वामी का नाम लेते ही सिध्दरामय्या नाराज हुए। उन्होंने कहा कि वे कुमारस्वामी के बयानों पर प्रतिक्रिया नहीं देंगे। झूठ बोलने वालों के बयान पर वे प्रतिक्रिया देना नहीं चाहते।
सिद्धरामय्या ने कहा कि भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटील यत्नाल को मुख्यमंत्री बनाने के लिए 2500 करोड़ रुपए किसने मांगे, किसने भेजा इसकी जांच होनी चाहिए। मुख्यमंत्री या फिर मंत्री पद के दावेदार यत्नाल के बयान को हलके में नहीं लेना चाहिए। यत्नाल केंद्र के पूर्व मंत्री रहे हैं। इन्हीं का 2500 करोड़ रुपए मांगाने के बारे में बयान दिया है। किसने मांगा, किसने भेजा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष या फिर अमित शाह किसने भेजा। वर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई तथा पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा ने कितनी राशि दी थी इस बारे में जांच होनी चाहिए। हम मानते हैं कि यत्नाल के बयान में सच्चाई है। बोम्मई कितनी राशि देकर मुख्यमंत्री बने हैं। यह राशि कैसे आई इस बारे में जनता को पता चलना चाहिए।
सिध्दरामय्या ने कहा कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की सरकार घोटालों की सरकार है। इतने सारे घोटाले किसी भी सरकार में नहीं हुए हैं। हमारे राजनीतिक जीवन में हमने इतना भ्रष्टाचार नहीं देखा था। नियुक्ति के हर विभाग में भ्रष्टाचार चल रहा है। यह 40 प्रतिशत कमीशन की सरकार है। प्रधानमंत्री कहते हैं, ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा परन्तु ठेकेदार संघ की ओर से की गई शिकायत को गम्भीरता से नहीं लिया। यहां हुए भ्रष्टाचार को क्यों सहा, इस पर खामोश क्यों हैं। इसकी जांच करनी चाहिए थी। इन सबको देखने पर प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं कहने के अलावा और कोई चारा नहीं है।
उन्होंने कहा कि पीएसआई नियुक्ति परीक्षा अनियमितता के बारे में न्यायिक जांच करानी चाहिए। कोई भी अनियमितता नहीं है तो फिर पीएसआई परीक्षा की अस्थाई चयन सूची को क्यों रद्द किया। पुन: परीक्षा के लिए आदेश क्यों दिया। यह भ्रष्टाचार होने को दर्शाता है।