
सभापति होरट्टी ने सरकार से की मांग
हुब्बल्ली. विधान परिषद के सभापति बसवराज होरट्टी ने कहा कि प्राथमिक विद्यालय के अतिरिक्त शिक्षकों की तबादला नीति तत्काल वापस लेनी चाहिए। इसी महीने की 20 तारीख को बेंगलूरु में सरकारी सचिवों और अधिकारियों की एक बैठक होगी और हम तबादला नीति को वापस लेने के निर्देश देंगे।
शहर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए होरट्टी ने कहा कि अतिरिक्त शिक्षकों का पुनर्गठन करने के लिए शिक्षा विभाग ने 250 से कम बच्चों वाले स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षकों का तबादला करने का फैसला किया है। इस तरह का अवैज्ञानिक काम हो रहा हो तो सरकार को आंख नहीं मूंद लेनी चाहिए। वे बेंगलूरु में होने वाली बैठक में अधिकारियों से चर्चा कर उन्हें वापस लेने को कहेंगे। वरना कानून के अनुसार किया जाना चाहिए उसे किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बच्चों की संख्या कम होने पर भी, अधिक होने पर भी शिक्षकों का तबादला किया जा रहा है। शिक्षा विभाग के आयुक्त को जरा भी होश नहीं है। बिना रिति नीति के कानून कन्नड़ स्कूलों के लिए घातक होते जा रहे हैं। ऐसे अधिकारियों की ओर से ही कन्नड़ स्कूलों को बंद किया जा रहा है।
इस सरकार में है तालमेल की कमी
बसवराज होरट्टी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान राज्य सरकार में तालमेल की कमी है। विधायक और मंत्री ही एक दूसरे पर अधिक आरोप लगा रहे हैं, जो सही नहीं है। कोई भी सरकार हो आरोप रहते हैं परन्तु मौजूदा राज्य सरकार में कुछ ज्यादा ही है।
विधायक तिप्पारेड्डी के ऑडियो मामले पर जवाब देते हुए होरट्टी ने कहा कि विधायकों, मंत्रियों का ऐसा करना सही नहीं है, इस मुद्दे से हम किंचित भी सहमत नहीं हैं। अगर जनप्रतिनिधि इस तरह लड़ेंगे तो कैसे चलेगा जनप्रतिनिधियों को दूसरों के लिए मिसाल बनना चाहिए। इस तरह लड़ते रहेंगे तो कैसे चलेगा? जनता पर क्या असर पड़ेगा इस बारे में सोचना चाहिए।
उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सीडी वगैरह की बात करते हैं, इसका क्या मतलब है? हम इस घटना से बहुत दु:ख हुआ है। सभी सरकारों में सीडी की राजनीति होती थी, इस सरकार में यह बढ़ गई है। ऐसा तब होता है जब कोई अनुशासन नहीं होता।
होरट्टी ने कहा कि हमें भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का कोई दु:ख नहीं है। हम शिक्षकों और अन्य लोगों के आग्रह पर भाजपा में शामिल हुए हैं। हमने जेडीएस नेताओं को समझाने के बाद ही भाजपा में शामिल हुए हैं।