मैं फिलहाल सीएम पर चर्चा नहीं करना चाहताहुब्बल्ली तालुक के वरूर नवग्रह तीर्थक्षेत्र में आयोजित तीर्थंकर महामस्तकाभिषेक समारोह में भाग लेते उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार।

डी.के. शिवकुमार ने जताई नाराजगी
हुब्बल्ली. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि विनय गुरुजी ने पूर्व में कहा था कि आप मुख्यमंत्री बनेंगे। मैंने उनसे कहा था कि यदि आप इस तरह की बातें कहेंगे, तो अंतत: बहुत से लोग हमारी पिटाई करेंगे परन्तु फिलहाल इस चर्चा की कोई जरूरत नहीं है।
हुब्बल्ली तालुक के वरूर नवग्रह तीर्थक्षेत्र में आयोजित तीर्थंकर महामस्तकाभिषेक समारोह को संबोधित करते हुए शिवकुमार ने कहा कि वरूर के आचार्य गुणधर नंदी ने उन्हें आशीर्वाद दिया है कि वे उस उच्च स्थान पर जाएंगे। यही उनका गुण और आशीर्वाद है। यह उन पर निर्भर है।

जैन विकास निगम की स्थापना के लिए उठाए जाएंगे कदम
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने वादा किया कि वे मुख्यमंत्री के साथ जैन विकास निगम की स्थापना पर चर्चा करेंगे और उनसे वर्तमान बजट में इसकी घोषणा करने का अनुरोध करेंगे।
उन्होंने कहा कि मैंने पहले कहा था कि निगम स्थापित करने के लिए कदम उठाऊंगा। मुझे आप पर विश्वास है। मुझ पर भरोसा करें। मैं, सरकार और कांग्रेस पार्टी आपके साथ हैं। कांग्रेस की डॉ. मनमोहन सिंह नीत केंद्र सरकार ने जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया।
उन्होंने कहा कि चाहे कोई भी धर्म हो, सिद्धांत एक ही है। जैन धर्म अहिंसा, सत्य और त्याग का दूसरा नाम है। आचार्य गुणधरनंदी इस धर्म को बचाने और विश्व की भलाई के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
विधान परिषद के सभापति बसवराज होरट्टी ने कहा कि मैंने जैन विकास निगम की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है। नवग्रह तीर्थक्षेत्र में वंचितों को उच्च शिक्षा प्रदान की जा रही है। गुणधरनंदी ने विश्वविद्यालय के बराबर शैक्षिक विकास कार्य किया है।

योगियों की वजह से देश सुरक्षित

विनय गुरुजी ने कहा कि जैन धर्म कहता है कि तपस्या से भगवान बनना संभव है। देश सेना से नहीं, बल्कि योगियों से सुरक्षित है। महावीर की वैराग्य, त्याग और तपस्या से बढक़र कुछ भी नहीं है। हिंसा में कोई शक्ति नहीं है। यदि जैन धर्म के सिद्धांतों का पालन करने पर पुलिस थाने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस धर्म में समाज को सुधारने की शक्ति है।
उन्होंने सलाह दी कि युद्ध को रोकने के लिए अहिंसा के सिद्धांत का पालन करना चाहिए। जैन धर्म हमें मोक्ष प्राप्त करने की शिक्षा देता है। कहा जाता है कि सफलता केवल गुरु के मार्ग से ही मिलती है। असली साधु तो दिगम्बर हैं। उन्होंने अम्बर को अपना मार्ग चुना है और इस सिद्धांत पर जीवन व्यतीत करते हैं कि अहिंसा ही सर्वोच्च धर्म है। इस स्थान ने कुंभ मेले के समान ही महत्व प्राप्त कर लिया है।

भारतीय संस्कृति को नष्ट नहीं किया जा सकता

पाश्र्वनाथ की मूर्ति पर जलाभिषेक और अघ्र्य समारोह का उद्घाटन करने के बाद राजस्थान के राज्यपाल हरिबाऊ बागड़े ने कहा कि विदेशियों ने भारतीय सभ्यता और संस्कृति को नष्ट करने का कई बार प्रयास किया परन्तु वे सफल नहीं हुए। यह सभी धर्मों के संतों की कड़ी मेहनत का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि गरीबी उन्मूलन के लिए शिक्षा आवश्यक है। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देनी चाहिए। गुणधरनंदी महाराज ने धर्म और संस्कृति की रक्षा के साथ-साथ शिक्षा को भी महत्व दिया।
शिरहट्टी के दिंगालेश्वर स्वामी, चन्नबसवेश्वर स्वामी और चारुकीर्ति भट्टारक स्वामी ने विचार व्यक्त किया।
महा मस्तकाभिसेक समिति के महामंत्री एवं समाजसेवी महेन्द्र सिंघी ने कहा कि सरकार को नवग्रह तीर्थक्षेत्र को गोद लेना चाहिए। 200 करोड़ रुपए का अनुदान देकर इस यज्ञ में सहभागी बनना चाहिए।

अभिषेक किया गया
विशाल पाश्र्वनाथ प्रतिमा का दूध, हल्दी, केसर मिश्रित जल और फूलों से अभिषेक किया गया। तीर्थंकरों, गणधरों, शृतकेवली और मुनियों को अघ्र्य अर्पित किया गया।
कुंतुसागर महाराज और गुणधरनंदी महाराज ने विचार व्यक्त किया। सूर्यसागर महाराज, तरुणसागर महाराज, धर्मसेन भट्टारक स्वामी, विधायक एनएच कोनरेड्डी, सुरेन्द्र हेगड़े, एसडीएम विश्वविद्यालय के कुलपति निरंजन कुमार, तवनप्पा अष्टगी, रमेश बाफना, गौतम बाफना, उदय हजारे और आनंद कुलकर्णी उपस्थित थे।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *