येल्लापुर के पास दुर्घटना : पुरानी घटना की याद दिलाती त्रासदीसवणूर में मृतकों के घर जाकर परिजनों को सात्वना देते अंजुमन संस्था के पदाधिकारी।

सवणूर के लोगों ने याद किया 1991 में हुई त्रासदी
स्थानीय तौर पर रोजगार सृजित करने की मांग
हावेरी. उत्तर कन्नड़ जिले के येल्लापुर के निकट बुधवार सुबह हुई दुर्घटना में हावेरी जिले के सवणूर के 10 लोगों की मौत से कस्बे के निवासी सदमे में हैं। 1991 में हुई त्रासदी को याद करते हुए लोग उस दिन मारे गए 9 लोगों के बारे में बात कर रहे हैं।

सवनूर के व्यापारी हुसैन साब ने कहा कि सवणूर के अधिकांश लोग शहर-शहर, मंड़ी-मंड़ी घूमकर तथा व्यापार करके अपनी आजीविका चलाते हैं। मंड़ी में जाते समय ऐसी घटनाएं होने से व्यापारियों में भय पैदा हो गया है।

उन्होंने एक पुरानी घटना का खुलासा करते हुए कहा कि 1991 में सवनूर से लोगों का एक समूह एक वाहन से शादी के लिए हत्तिमत्तूर जा रहा था। रास्ते में वाहन एक खाई में गिर गया था। उस दुर्घटना में 9 लोग मारे गए थे। उस दिन मृतकों और घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए कोई वाहन नहीं था। हम शवों को छोटे वाहनों में ही सवणूर अस्पताल ले आए थे। वहां केवल एक ही डॉक्टर था। पोस्टमार्टम के लिए ज्यादा डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे। मैं अभी भी सडक़ पर पड़े शवों का दृश्य नहीं भूल सकता।

उन्होंने कहा कि हम घायलों को साइकिलों और बाइकों पर अस्पताल ले गए। उस दिन शवों को अस्पताल समय रास्ते में ही रखा गया था। नौ शवों का पोस्टमार्टम पूरा करने में दो दिन लगे थे। उस दिन सवणूर के कई लोगों ने अपने बच्चों और माता-पिता को खो दिया था। उन परिवारों ने अभी भी उस त्रासदी को भूला नहीं पाए हैं। इस बीच अब येल्लापुर के पास 10 लोगों की मौत हो गई है।

रोजगार सृजन की मांग
स्थानीय लोगों ने कहा कि सवणूर में रहने वाले अधिकांश लोग गरीब हैं। बिना काम किए भोजन नहीं मिलता। सवनूर में कोई कारखाना नहीं है। विकास भी नाम मात्र का है। इसके चलते सभी सप्ताहिक मंड़ी में व्यापार कर रहे हैं। साप्ताहिक मंड़ी के लिए वाहनों में यात्रा करना अनिवार्य है। हमारे की कस्बे में रोजगार सृजित करना चाहिए। कारखानों का निर्माण अवश्य होना चाहिए। हमारे बच्चों को स्थानीय स्तर पर नौकरी मिलनी चाहिए। तभी हम एक ही जगह पर बस जाएंगे और खुशी से रह पाएंगे।
स्थानीय लोगों ने भावुक होते हुए कहा कि सभी 10 मृतक कुमटा साप्ताहिक मंड़ी गए थे। कुमटा मंड़ी समाप्त होने के बाद, वहां से कुछ लोग दूसरी मंड़ी और फिर अगले दिन किसी दूसरी मंड़ी में जाने वाले थे। कुछ लोग तो ऐसे भी थे जो तीन या चार मंडियों के बाद, फल और सब्जियां खत्म होने पर सवणूर लौटने वाले थे। उन्होंने मंड़ के रास्ते में ही अपने जीवन की यात्रा समाप्त कर ली।

घायलों को उचित उपचार देने के निर्देश
हादसे से स्तब्ध हो गए हैं। मैं मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। पहले ही मृतकों के परिजनों को 3-3 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषित की गई है। घायलों को उचित उपचार देने के निर्देश दिए गए हैं।
शिवानंद पाटिल, जिला प्रभारी मंत्री

बड़ी मात्रा में मुआवजा दे
यह एक दुखद मामला है। मृतक और घायल अत्यंत गरीब परिवारों से हैं। सरकार को सभी को बड़ी मात्रा में मुआवजा देना चाहिए।
बसवराज बोम्मई, सांसद

अधिक मुआवजा देने का आग्रह

सरकार ने मृतकों के परिवारों को 3-3 लाख रुपए का मुआवजा दिया है। मुख्यमंत्री से और अधिक मुआवजा देने का आग्रह किया जाएगा।
यासिर अहमद खान पठाना, विधायक शिग्गांव

गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान करने को कहा है

मैंने किम्स प्रशासनिक अधिकारी से घायलों को गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान करने को कहा है। मैं मृतकों के परिवारों के लिए अधिक मुआवजा दिलाने का प्रयास करूंगा।
सैयद अजीमपीर कादरी, अध्यक्ष, हेस्कॉम

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