हुब्बल्ली.राज्य की राजनीति में आए दिन दलबदल और असंतोष के नारे सुनने को मिल रहे हैं। कुछ दिन पहले जब कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की तो उतनी ज्यादा खबर नहीं थी परन्तु बीती (मंगलवार) रात जारी भाजपा विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों की सूची राज्य में हंगामा करती नजर आ रही है। इसका कारण भाजपा के खेमे के दिग्गजों की उपेक्षा है।
जी हां.. भाजपा ने 189 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान पहले ही कर चुकी है। साथ ही इस बर 52 नए चेहरों को मौका दिया है। इस बीच नामी दिग्गज नेताओं को टिकट नहीं देकर आलाकमान ने झटका दे दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर, उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सवदी और केएस ईश्वरप्पा, एस अंगारा, एसआई चिक्कनगौडर जैसे नेताओं को इस बार टिकट नहीं मिला है।
इस बीच, ईश्वरप्पा ने मंगलवार को संन्यास लेने की घोषणा कर चौंका दिया। साथ ही जगदीश शेट्टर बुधवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं और टिकट मिलने का भरोसा जताया है परन्तु समस्या यह है कि हुब्बल्ली सेंट्रल और शिवमोग्गा से भाजपा के उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की गई है। इससे भरोसा है कि दोनों नेताओं को कहीं न कहीं टिकट मिल जाएगा। वहीं अथणी में महेश कुमटल्ली को टिकट मिला है और लक्ष्मण सवदी ने पार्टी निर्दलीय या दलबदलू होने का संकेत दिया है।
इसके चलते अगर इन तीनों नेताओं को टिकट नहीं मिलता है, ये निर्दलीय रहते हैं या दलबदल करते हैं, तो संभावना है कि भाजपा के वोटों को नुकसान होगा। भाजपा आलाकमान को इसे ध्यान में रखते हुए इस भ्रम को दूर करना चाहिए। अगर इन तीनों नेताओं को मना लिया तो उनके क्षेत्र में कमल खिलेगा नहीं तो दोनों के झगड़े से तीसरे पक्ष को फायदा होगा।
एक और चौंकाने वाली बात यह है कि अगर ये तीनों नेता जनार्दन रेड्डी की पार्टी का समर्थन करते हैं तो उत्तर कर्नाटक में कमल खिलना बहुत मुश्किल होगा, परन्तु संदेह है कि रेड्डी इस बारे में सोचेंगे या नहीं। यदि ये सभी एकजुट हो जाते हैं, तो कल्याण कर्नाटक में कल्याण राज्य प्रगति पार्टी के नियंत्रण हासिल करने में कोई संदेह नहीं है।

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