
मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा भाजपा को कोई नुकसान नहीं
बीदर. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि देश के तमाम राज्यों में कांग्रेस पार्टी डूब चुकी है, अब कर्नाटक में भी कांग्रेस का जहाज डूबने वाला है। कांग्रेसियों की बातों में आकर हमारे (शेट्टर और सवदी) उस डूबते जहाज पर सवार हो रहे हैं परन्तु इससे भाजपा को कोई नुकसान नहीं होगा।
जिले के भालकी में गुरुवार को आयोजित भाजपा के सम्मेलन को संबोधित करते हुए बोम्मई ने कहा कि चुनाव से पहले झूठे वादे करने वाली कांग्रेस पार्टी की बातों पर लोगों को भरोसा नहीं है। इसके चलते गारंटी कार्ड की दे रही है परन्तु यह घर पर कूडेदान में फेंकने वाला बेकार विजिटिंग कार्ड बन गया है। यह क्रेडिट या डेबिट कार्ड भी नहीं है, इसमें पैसा भी नहीं है।
हर परिवार को 2 हजार रुपए देने की बात कर रही कांग्रेस, इसके लिए खर्च होने वाले प्रति माह 24 हजार करोड़ रुपए कैसे समायोजित कर सकती है। कोई भी परिवार प्रति माह 200 यूनिट बिजली का उपयोग नहीं करता है। प्रति माह 80-85 यूनिट खर्च करना ही अधिक है। बची हुई बिजली मुफ्त में देने की बात कर रहे हैं। पूर्व सीएम सिद्धरामय्या कह रहे हैं कि कांग्रेस सरकार हर गरीब परिवार को 10 किलो मुफ्त चावल देगी परन्तु कांग्रेस सरकार आने से पहले 2013 में भाजपा सरकार 10 किलो चावल दे रही थी, सिद्धरामय्या सरकार ने इसे घटाकर 5 किलो कर दिया, बाद में चुनाव के समय तक बढ़ाकर 7 किलो कर दिया गया था। केंद्र की मोदी सरकार इस मुफ्त चावल को 30 किलो के रूप में दे रही है। टाट की बोरी में चावल केंद्र सरकार का है तो 3 रुपए के बैग पर सिद्धरामय्या की तस्वीर थी। इस प्रकार यह किसी का पैसा किसी और की मौज जैसा था। सत्ता में रहते हुए 10 किलो चावल नहीं देने वाली कांग्रेस अब इसकी गारंटी दे रही है।
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण बढ़ाकर भाजपा सरकार ने ऐतिहासिक काम किया है परन्तु सामाजिक न्याय की बात करने वाली कांग्रेस को अपने पांच साल के कार्यकाल में यह याद क्यों नहीं आया? अब हमारी सरकार की ओर से किए जा रहे कार्यों में बाधा डाली जा रही है। यह स्पष्ट करना चाहिए कि कांग्रेस आरक्षण और आंतरिक आरक्षण के मुद्दे के पक्ष में है या विरोध में। केवल भाषणों से पेट नहीं भरता है, हमारी सरकार ने दशकों को पूरा कर उस समुदाय के लोगों में विश्वास पैदा करने का काम किया है।
टीपू को याद किया, बसवण्णा को नहीं
भाजपा सरकार ने संविधान के प्रतीक बसवन्ना के संदेशों को दुनिया तक पहुंचाने के लिए बसवकल्याण में 650 करोड़ रुपए की लागत में अनुभव मंड़प निर्माण को गति दी है परन्तु सत्ता में रहने पर कांग्रेस को यह विचार नहीं आया, केवल टीपू सुल्तान मात्र याद आए। अब चुनाव की पूर्व संध्या पर, बसवन्ना और उनके अनुयायियों उन्हें याद आ रहे हैं। भाजपा सरकार बसवन्ना के रास्ते पर चल रही है और बसवन्ना के विचारों को मानने वाले सभी लोग हमारे साथ हैं।
सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री भगवंत खूबा, विधायक शरणू सलगर, निगम मंडल के अध्यक्ष मारुति मूले, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री संभाजी पाटिल, एनएसएसके के अध्यक्ष डीके सिदराम और सीमा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. सी सोमशेखर आदि ने भाग लिया था।