तेंदुए की मौजूदगी के कारण किया था ध्वस्त
निस्तारण के लिए 20 लाख रुपए का भी भुगतान
हुब्बल्ली. तेंदुए का छिपने का ठिकाना बने शहर के केंद्रीय विद्यालय की पुरानी इमारत को ढहाए लगभग दो साल हो गए हैं। केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) ने इस पुरानी इमारत के मलबे को हटाने के लिए एक साल पहले महानगर निगम को 20 लाख रुपए का भुगतान किया था। पैसे प्राप्त करने वाले नगर निगम ने मलबे को नहीं हटाकर कुंभकर्ण की नींद सो रहा है।
20 लाख रुपए का भुगतान करने वाले केंद्री विद्यालय ने नगर निगम को पत्र लिखकर थक चुका है। यह नगर निगम अधिकारियों की मानसिकता का एक छोटा सा उदाहरण मात्र है। केंद्री विद्यालय की ओर से पैसे का भुगतान करने की याद दिलाने के बाद भी अन सुनी करने वाले नगर निगम अधिकारियों का उपेक्षापूर्ण रवैया, प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर कार्रवाई कौन करेंगे? यह सवाल लोगों को परेशान कर रहा है। दिन जांदे पगार आंदे की मानसिकता पर पार्षदों की चुप्पी भी चर्चा का कारण बनी हुई है। शिक्षकों ने भी खौफ जताया कि गिरान के बाद, इमारत का मलबा सांप, बिच्छू सहित जहरीले जीवों के निवास स्थान में बदल गया है, जो स्कूली बच्चों के खौफ का कारण बना हुआ है।
जिलाधिकारी ने दिया था सख्त निर्देश
गौरतलब है कि पूर्व जिलाधिकारी नितीश पाटिल ने सबसे पहले जमींदोज इमारत के मलबे को हटाने का नगर निगम को सख्त निर्देश दिया था। इसके बाद भी नगर निगम अपने सामान्य उदासीन रवैए पर चिपका हुआ है। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम ने इमारत के मलबे की कीमत का आकलन करने के लिए लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखा है। उस विभाग ने एस्टीमेट पेपर देने में देरी की है, कुछ दिन पहले ही एस्टीमेट लेटर मिला है, एक सप्ताह में ई-टेंडर बुलाकर मलबा हटाया जाएगा।
यह है मामला
राजनगर के केंद्रीय विद्यालय के फुटबॉल मैदान में सितंबर 2021 के दूसरे सप्ताह में एक तेंदुआ देखा गया था। अधिकारियों को लगा कि स्कूल परिसर की एक पुरानी इमारत तेंदुए के रहने के लिए प्रमुख स्थान बन गई है। तेंदुआ 10-12 दिन तक अपनी चाल बदलता रहा। इसके बाद भी अधिकारियों ने पुरानी इमारत को ध्वस्त किया। तत्कालीन जिलाधिकारी नितीश पाटिल ने केंद्रीय विद्यालय संगठन की पूर्व अनुमति के बिना ही गिराने का कड़ा निर्णय ले लिया था।
एक माह में हटाएं
हर 2-3 महीने में एक बार स्कूल के प्राचार्य (प्रिंसिपल) ने मलबे को हटाने के लिए नगर निगम को पत्र लिखा है, परन्तु वहां से कोई उचित जवाब नहीं मिला है। इस बारे में जिलाधिकारी के ध्यान में लाया गया है। हमने नगर निगम को सूचित कर दिया है कि अगर एक माह के अंदर इसे नहीं हटाया तो अगला काम हम ही करेंगे।
-श्रीनिवास शास्त्री, सदस्य, विद्यालय प्रबंधन समिति
एक सप्ताह में हटाया जाएगा मलबा
केन्द्रीय विद्यालय में स्थित भवन का मलबा हटाने के लिए 20 लाख रुपए निगम को आए हैं। इस संबंध में पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से अनुमानित योजना मिलने में देरी हुई है। एक सप्ताह में ई-टेंडर बुलाकर मलबा हटाया जाएगा।
–विठ्ठल तुबाकी, कार्यकारी अभियंता, उत्तर प्रभाग, हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम