असमंजस में फंस गई राज्य सरकार
मेंगलूरु. राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में एक समान शैक्षणिक समय सारिणी तैयार करने की पहल करने वाली राज्य सरकार अब असमंजस में फंस गई है।
मेंगलूरु, शिवमोग्गा सहित कुछ विश्वविद्यालयों के कार्यक्षेत्र में, कक्षाएं समाप्त होकर परीक्षा चरण को पहुंचे हैं तो वहीं कुछ अन्य स्थानों पर, वे अभी भी पीछे हैं। इस विविध अनुसूची को एकरूपता देने का प्रयास करने के बाद भी यह संभव नहीं हो सका है।
इसके चलते अगले शैक्षणिक वर्ष में एक समान समय सारिणी होने की संभावना भी कम हो गई है।
तारीख को ही स्थगित कर दिया था
वर्ष 2023-24 में समान शैक्षणिक समय सारणी नीति का पालन कर 17 जुलाई से पहला सेमेस्टर शुरू करने का सरकार ने आदेश दिया था परन्तु कुछ विश्वविद्यालयों में पिछले साल (2022-23) सेमेस्टर की कक्षाएं अगस्त के अंत तक पूरी नहीं हुईं। इसके चलते सरकार ने वर्ष 2023-24 के पहले सेमेस्टर की शुरुआत की तारीख को ही स्थगित कर दिया था।
चुनौतीपूर्ण काम
कॉलेज शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक वर्तमान में एक समान समय सारिणी लागू करना मुश्किल है। मेंगलूरु विश्वविद्यालय कार्यक्षेत्र के कॉलेज सारणी नीति के अनुसार हैं, तो वहीं कुछ जगहों में कुछ महीनों की देरी हो गई है। इसके चलते कुछ विश्वविद्यालयों में परीक्षा चल रही होती तो तब भी कई जगहों पर कक्षाएं चल रहीं होती हैं। ऐसे में हर चीज को एक समान समय सारणी नीति पर सेट करना चुनौतीपूर्ण काम है।
4-5 महीने तक कोई क्लास नहीं
पीयूसी परिणाम अप्रेल में आने के बाद भी मेंगलूरु विश्वविद्यालय कार्यक्षेत्र में 23 अगस्त को कॉलेज शुरू हुए। कुछ अन्य स्थानों पर सितम्बर-अक्टूबर में कक्षाएं आयोजित की गईं। इससे छात्रों को नुकसान हुआ। एक धारणा यह भी है कि अगर ग्रेजुएशन की कक्षाएं समय पर शुरू नहीं होंगी तो छात्र ग्रेजुएशन की बजाय नौकरियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। विभिन्न विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक समय सारणी में अंतर के कारण जल्द डिग्री पूरी करने वाले स्नातकोत्तर कक्षा में शामिल होना चाहे तो जिनकी परीक्षाएं लंबित हैं उनके लिए स्नातक की डिग्री में शामिल होना मुश्किल है। कभी-कभी कुछ महीनों की कक्षाएं बर्बाद हो जाती हैं।
विद्यार्थियों को कक्षा का नुकसान!
सरकार ने स्नातक कक्षा के लिए अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति को बेंगलूरु विश्वविद्यालय सहित कुछ विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक समय सारणी के अनुसार चलाती है। इसके अनुसार राज्य में 7 अक्टूबर को अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति की गई है परन्तु मेंगलूरु विश्वविद्यालय की कक्षाएं 23 अगस्त से शुरू हुईं थी। इसके चलते यहां के सरकारी कॉलेज के विद्यार्थियों को बिना व्याख्याताओं के 45 दिन कक्षाओं का नुकसान हुआ।
कॉलेज बदलना भी कठिन है!
वर्तमान छात्र को कॉलेज बदलने की अनुमति है। माता-पिता के तबादले की स्थिति में छात्र एक विश्वविद्यालय क्षेज्ञ के कॉलेज को छोडक़र दूसरे कॉलेज में दाखिला ले सकता है परन्तु अब पूरे राज्य में हर विश्वविद्यालयों के कार्य क्षेत्र के कॉलेज अलग-अलग समय सारणी को अपनाने से छात्रों को कुछ महीनों की कक्षाओं का नुकसान हो रहा है।
समय सारणी में अंतर
राज्यव्यापी डिग्री महाविद्यालयों में एक समान शैक्षणिक समय सारणी लागू करने की आवश्यकता है। मेंगलूरु महाविद्यालय ने पहले से ही सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार इसे लागू करने का फैसला किया है परन्तु कुछ अन्य महाविद्यालयों में समय सारणी में अंतर है।
–प्रो. जयराज अमीन, कुलपति, मेंगलूरु महाविद्यालय