फंड जारी होने के बावजूद नहीं मिला वेतन
मेंगलूरु. पूरे राज्य में दशहरा उत्सव का जश्न मना रहा है, परन्तु केवल सरकारी प्राथमिक और हाई स्कूलों के अतिथि शिक्षक ही जश्न मनाने की स्थिति में नहीं हैं। सरकार की ओर से चार महीने से वेतन ही नहीं देने के कारण दैनिक जीवन चलाना भी मुश्किल हो गया है।
राज्य के प्राइमरी और हाई स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों की कहानी हर बार ऐसी ही होती है। किए गए कार्य के लिए मिलने वाला वेतन छोटी राशि है। इसके लिए भी हाथ फैलाने की स्थिति बनी है। शिक्षकों की मासिक भुगतान की मांग पूरी नहीं हुई है। हर बार त्योहारों के दौरान वेतन नहीं मिलने की स्थिति होती है और इस बार नवरात्रि में भी वेतन के लिए इंतजार की स्थिति बनी हुई है।
कोई फायदा नहीं हुआ
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि आंकड़े बताते हैं कि वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में, प्राथमिक विद्यालयों में 33,863 और हाई स्कूलों में 8,954 अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं। राज्य में 42,817 अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं। सरकारी प्राथमिक और हाई स्कूल विभागों में पूर्णकालिक शिक्षकों की कमी है। विद्यार्थियों के हित के लिए राज्य के प्राथमिक एवं हाई स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई है परन्तु चार माह से उन्हें वेतन ही जारी नहीं किया गया है। इस बारे में पूछेने पर पर्याप्त जवाब भी नहीं मिल रहा है। अतिथि शिक्षकों की ओर से वेतन भुगतान की मांग को लेकर हर माह स्थानीय व जिला स्तरीय अधिकारियों को ज्ञापन सौंपने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ है।
फंड रिलीज पर संदेह
प्राथमिक विद्यालय के अतिथि शिक्षकों के लिए 10 हजार रुपए प्रति माह और हाई स्कूल विभाग के अतिथि शिक्षकों के लिए 10,500 रुपए तक का वेतन तय किया गया है। इस वेतन के आधार पर राज्य सरकार अनुदान जारी करती है। तालुकवार शिक्षकों की संख्या के आधार पर तालुक पंचायत के फंड में इस पैसे को जमा करने के बाद शिक्षा विभाग के जिला उपनिदेशक की अनुमति और शिक्षकों का विवरण प्राप्त करने के बाद उनके खाते में वेतन का भुगतान किया जाता है। वेतन के बारे में राज्य और जिले के अधिकारियों से पूछने पर सरकार ने आठ दिन पहले ही राशि जारी की है तालुक पंचायत में पूछने के लिए कहते हैं परन्तु वहां से कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। यानी धनराशि जारी होना ही संदिग्ध है। यदि तालुक पंचायत को वेतन अनुदान जारी हुआ है तो वह शिक्षकों के खाते में जमा क्यों नहीं हो रहा है? यह सवाल पैदा हुआ है।
चार महीने से मुफ्त में काम कर रहे हैं
स्कूल शुरू हुए चार महीने बीत चुके हैं। अभी तक भी अतिथि शिक्षकों को भुगतान नहीं किया गया है। यानी सरकार चार महीने से मुफ्त में काम करा रही है।
कब पैसा जमा होगा कहना संभव नहीं
सरकार की ओर से पैसा जारी होकर तालुक पंचायत के पास पहुंच गया है और वहां से कोषागार के माध्यम से शिक्षकों के खाते में जमा करने की प्रक्रिया चल रही है। जमा प्रक्रिया ऑनलाइन होने के कारण खाते में कब पैसा जमा होगा यह कहना संभव नहीं है।
–वेंकटेश सुबय्या पाटगार, डीडीपीआई, दक्षिण कन्नड़